Tamatar Ki Kheti Kaise kare | टमाटर की खेती करने का सही तरीका

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Tamatar Ki Kheti Kaise kare

टमाटर की खेती करने का सही तरीका

टमाटर पूरे भारतवर्ष में उगाई जाने वाली सब्जी फसल है इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, खनिज पदार्थ, कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन, निकोटिन, अम्ल प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसका उपयोग सब्जी सलाद सॉस चटनी व अन्य वेबसाइट कार्यों में लाया जाता है,

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Tamatar Ki Kheti के लिए जल वायु

टमाटर मुख्य रूप से शरद ऋतु मैं उपासने वाली फसल है परंतु अधिक सर्दी एवं वाला से फसल खराब हो जाती है रंग और आकार दोनों जलवायु से प्रभावित होते हैं रंग और साइज की गुणवत्ता टमाटर में पाई जाती है। लगभग 18 से 27 डिग्री सेल्सियस तापमान में फसल की वृद्धि होती है एवं गर्म शुष्क हवा से फूल झड़ने लगते हैं और फल में कमी आ जाती है।

टमाटर का रंग लाल 10 डिग्री सेल्सियस तापमान के नीचे होने पर नहीं बन पाता है तथा 30 डिग्री से ऊपर तापमान में भी लाल रंग का बनना बंद हो जाता है। टमाटर को लाल रंग बनने के लिए 10 डिग्री से ऊपर और 30 डिग्री से नीचे की तापमान की आवश्यकता होती है।

 

 

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Tamatar Ki Kheti Kaise kare

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Tamatar Ki Kheti के लिए भूमि

टमाटर की खेती लगभग सभी प्रकार की मिट्टियों में की जा सकती है परंतु हल्की अम्लीय से लेकर दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है मिट्टी में जीवांश पदार्थ की प्रचुरता और जल निकास की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।

Tamatar Ki Kheti के लिए खेत की तैयारी

टमाटर के खेत की चार से पांच जुदाई की आवश्यकता होती है पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से तथा शेष जुताई कल्टीवेटर से करना लाभदायक रहता है प्रत्येक जुदाई के बाद पट्टा अवश्य लगाएं इसमें मिटटी भरी हो जाती है खेती अंतिम जुताई के समय लगभग 20 टन गोबर की साड़ी खाद खेत में डालकर मिट्टी को मिला देना चाहिए इसके बाद खेत को समतल बनाकर सिंचाई एवं निराई गुड़ाई सुविधा के अनुसार क्यारियों में बांटकर स्टार्ट करना चाहिए।

Tamatar Ki Kheti के लिए उन्नत किस्म की प्रजाति

Tamatar Ki Kheti Kaise kare

पूसा रूबी, हिसार बरुण, हिसार लालिमा, हिसार ललित, पंजाब छुआरा, पंजाब केसरी, एनडीटी 3, एनडीटी 4, sweet-72, पूसा सदाबहार,

एक हेक्टेयर खेत में खेत में टमाटर के पौधारोपण हेतु 400संकरण की सैनी के लिए 200 ग्राम बीच की आवश्यकता होती है। से 500 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है।

Tamatar Ki Kheti के लिए पौधा साला की तैयारी
पौधा साला की ऊंचाई जगह में बनाई जानी चाहिए, पौधा किसी ऊंची जगह में बनाई जानी चाहिए साथ ही पौधशाला की मिट्टी भूरी भूरी होने आवश्यक है पौधा शाला में विजयपुर बीच की 12 घंटा पानी में भीगा कर रखना चाहिए , इसके बाद लगभग 2 ग्राम बीज बिक्री दावा प्रति ग्राम बीच के 10 से 20 के ऊपर जारी करना चाहिए .

टमाटर बीच के नेशनल में लाइन हमें बने बनाना चाहिए बीज बुनाई के बाद गोबर की खाद और बालू मिलाकर ऊपर के फल दो जिस जिस से भी चल जाए फरवाल से खाली सिंचाई कर कर करते रहना है तथा अंकुरण के बाद जीरो पॉइंट 2% आई आई 10 – 45 के घास की
छिड़काव करें |

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Tamatar Ki Kheti Kaise kare
Tamatar Ki Kheti के लिए पौधारोपण

पौधा तैयारी होने के बाद मुंह खेत में पौधा पौधा साली की हल्दी सिंचाई कर करें इससे पौधा आसानी से उखाड़ उखड़ जाती है पौधा को नस्ल से उखाड़ना कर मुख्य तू में 60 से 70 से मी की दूरी पर पौधे की रोपित करें कतार से कतार एवं पौधे से पौधे की दूसरी सामान रखें रोपाई के तुरंत बाद हल्दी सिंचाई करें इसमें इससे पौधा की जड़मिट्टी के आसानी से स्थापित हो जाता है

Tamatar Ki Kheti Kaise kare

Tamatar Ki Kheti के लिए सिंचाई

टमाटर की फसल में 15 से 20 दिन के अंतराल पर हल्की सिंचाई करते रहना चाहिए पाला पड़ने की संभावना हो तो सिंचाई का अंतराल घटा दो इसी तरह से यदि मौसम गर्म हो जाए तब 10 से 12 दिन के अंतराल पर सिंचाई करना चाहिए |

Tamatar Ki Kheti के लिए पोषक तत्व प्रबंध

एक हेक्टेयर टमाटर के खेत में 100 केजी नेत्रजन, 80 kg फास्फोरस एवं 60 केजी पोटाश की आवश्यकता होती है नेत्र जन की एक तिहाई मात्रा फास्फोरस एवं पोटाश की पूरी मात्रा पौधारोपण से पूर्वी खेत में बिखरे बिखर कर मिट्टी में मिला देना चाहिए नेत्र जन की मात्रा दो बराबर भाग में बांट कर पौधारोपण की 30 और 50 दिन पर देना लाभदायक रहता है | TTamatar Ki Kheti Kaise kare

Tamatar Ki Kheti के लिए खरपतवार नियंत्रण

टमाटर की खेती में निराई गुड़ाई कर पतवार को निकालते रहना चाहिए खरपतवार ओं की उपस्थिति में पौधा का विकास नहीं हो पाता और उत्पादन भी घट जाता है | Tamatar Ki Kheti Kaise kare
खरपतवार ओं की रसायनिक नियंत्रण हेतु पौधारोपण के 3 से 4 दिन पर स्टांप 1 लीटर दवा 800 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना अच्छा होता है |
Tamatar Ki Kheti के लिए पौधा संरक्षण

टमाटर मैं रोग एवं कीट कीट का प्रकोप काफी अच्छी पाया जाता है जी से निम्नतरह नियंत्रित की जा सकता है | Tamatar Ki Kheti Kaise kare
Tamatar Ki Kheti के लिए फल छेदक कीट

Tamatar Ki Kheti Kaise kare

बेशक कीट भूरे रंग का होते हैंजिसकी पिछली पंख सफेद होते हैं तथा पंखे के किनारे पर काली पट्टी जैसी रचना बनी होती है अंडे से लाल भूरे रंग के पीलू निकलते हैं जो बाद में हरे रंग का हो जाता है यहफल में छेद कर अपने मुंह को फल के अंदर तथा शेषशरीर का भाग बाहर रखता है इस गीत में कारण फसल कभी-कभी पूर्णत बर्बादी हो जाता है इसके नियंत्रण के लिए 8 से फोरमैन ट्रैन प्रति हेक्टेयर खेत में लगाएं खेत में वार्ड पर्चर का व्यवहार करे। ब्युभेरिया बेसियाना जैविक किटनासी 1 ग्राम दावा प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर खड़ी फसल में संध्या के समय छिड़काव करें ।

सफेद मक्खी

इसके वयस्क किट सफेद पंखों वाली मक्खी होती है। इसके शिशु एवं वयस्क दोनों ही पतियों पर रखकर उस का रस चूसते हैं जिसके कारण पतियों की हरीतिमा समाप्त हो जाती है और पौधे कमजोर हो जाते हैं। यह कीट विषाणु रोग का वाहक भी होता है। इसके नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड एस.एल. का 1 मिलीलीटर प्रति 3 लीटर पानी में मिलाकर फसल पर छिड़काव करें।

पीछात झुलसा

इसके आक्रमण से टमाटर की पत्तियां किनारे से सूखती है और गहरे भूरे रंग की हो जाती है। सवेरे आक्रांत भाग के निचली सतह पर उजले रंग का फफूंद नजर आता है। पतियों को रगड़ने पर खर खराहट का अनुभव होता है। इसके नियंत्रण के लिए हमेशा स्वस्थ स्वच्छ एवं प्रमाणित बीज का ही व्यवहार करें। खेत को साफ सुथरा रखें। दिसंबर के अंत में मैनकोज़ेब 75% की 2 ग्राम मात्रा को प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर 15 दिनों के अंतराल पर फसल छिड़काव करते रहे। पौधों पर रोग के लक्षण आते ही मैनकोज़ेब एवं मेटालैक्सील 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर फसल पर छिड़काव करें।

अगात झुलसा

तापमान में अत्याधिक गिरावट एवं वायुमंडल में आर्द्रता की अधिकता के कारण इस रोग का फैलाव तेजी से होता है। इस रोग में पतियों पर भूरे रंग का कंसंट्रिक्स इग्नू मा गोला बनता है एवं धब्बों के बढ़ने से पत्तियां जिला जाते हैं।इसके नियंत्रण के लिए खेत को साफ सुथरा रखें तथा स्वस्थ एवं स्वच्छ बीच का व्यवहार करें। मैं को जब 75% घुलनशील चूर्ण 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में या कार्बेंडाजिम और मैनकोज़ेब संयुक्त उत्पाद का 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर फसल पर छिड़काव करें।

उपज

सही तरीके से टमाटर की खेती करने पर 300 से 400 कुंटल उपज प्राप्त होती है। संकर किस्मों से 500 से 600 क्विंटल उपज प्रति हेक्टेयर प्राप्त होती है।

 

 

 

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