Hazaribagh Road रेलवे स्‍टेशनों के नाम के पीछे लिखा ‘रोड’ शब्‍द देता है खास जानकारी, 100 में से 99 लोग नहीं जानते

Hazaribagh Road। रेलवे स्टेशन, रेलवे लाइन और यहां तक ​​कि ट्रेन पर लिखे शब्दों या संकेतों के विशेष अर्थ होते हैं। वे अपने आप में कुछ या विपरीत डेटा शामिल करते हैं। शायद आपने एक बात यह भी देखी होगी कि देश में ऐसे कई रेलवे स्टेशन हैं जिनके नाम के पीछे सड़क शब्द लगा होता है। हालाँकि, जिस शहर का वह रेलवे स्टेशन है, उसके नाम के पीछे राजमार्ग शब्द नहीं है। जैसे हजारीबाग रोड, रांची रोड और आबू रोड। उन रेलवे स्टेशनों के नाम के पीछे रोड लिखा होता है। लेकिन वास्तव में इन तीन शहरों के नाम के पीछे कोई सड़क नहीं है। आखिर ऐसा क्यों? भारतीय रेलवे ऐसा क्यों करता है?

 

 

 

 

 

रेलवे ने यात्रियों को विशेष जानकारी देने के लिए इन स्टेशनों के नाम के पीछे सड़क शब्द का प्रयोग किया है। जानकारी यह है कि जिस रेलवे स्टेशन के नाम के पीछे रोड शब्द है, वह शहर से दूर है। यानी आपको सड़क के रास्ते उस शहर तक पहुंचना होगा। ट्रेन आपको शहर से कुछ दूरी पर छोड़ती है। कोरा पर एक सवाल के जवाब में भारतीय रेल के प्रधान मुख्य प्रशासनिक अधिकारी अनिमेष कुमार सिन्हा ने कहा, ‘रेलवे’ शब्द का रेलवे स्टेशन के साथ जुड़ाव का अर्थ है कि उस रेलवे स्टेशन से उस स्थान तक पहुंचना। एक सड़क जाती है और उस शहर को जाने वाले रेल यात्रियों को वहीं उतर जाना चाहिए।

 

 

Hazaribagh Road

Hazaribagh Road

 

 

दूरी 2 से 100 किमी हो सकती है।

रोड नाम के स्टेशन से कस्बे की दूरी 2-3 किमी से लेकर 100 किमी तक हो सकती है । चूंकि वसई रोड रेलवे स्टेशन से वसई तक 2 किलोमीटर है, तो कोडाइकनाल रोड से कोडाइकनाल महानगर तक की दूरी 79 किलोमीटर है। Hazaribagh Road रेलवे स्टेशन हजारीबाग शहर से 66 किमी दूर है, जबकि रांची सिटी रांची रोड रेलवे स्टेशन से 49 किमी दूर है। इसी तरह आबू रोड रेलवे स्टेशन आबू से 27 किमी और जंगीपुर महानगर जंगीपुर रोड रेलवे स्टेशन से 7.5 किमी दूर है। हालांकि ऐसे कई रेलवे स्टेशनों के आसपास बड़ी संख्या में आबादी बसने लगी है। लेकिन, जब ये रेलवे स्टेशन बने थे, तब वहां कोई नहीं रहता था।

 

 

Hazaribagh Road ये रेलवे स्टेशन शहरों से दूर क्यों बनाए गए,

Hazaribagh Road इन शहरों से दूर रेलवे स्टेशन तभी बनाए गए जब कुछ शहरों तक रेलवे लाइन बिछाने में भारी बाधा आ रही थी। चूंकि माउंट आबू पहाड़ पर रेलवे लाइन डालना बहुत महंगा था, इसलिए पहाड़ के नीचे आबू से 27 किलोमीटर दूर एक रेलवे स्टेशन का निर्माण किया गया।

 

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