Bihar Liquor Ban: बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के आदेश पर बिहार में लागू पूर्ण शराबबंदी कानून पर पटना हाई कोर्ट का एक फैसला आया है, हाई कोर्ट ने शराब ब्रांड की मामले में आरोपियों को ₹100000 मुआवजा देने का आदेश जारी किया है। साथ ही यह भी निर्णय आया है की हर कार्रवाई में शराब ले जाने वाले वहां को जप्त नहीं किया जाएगा। यह फैसला हाई कोर्ट में दायर रेड याचिका पर आया है।
Bihar Liquor Ban: सभी दलों के समर्थन से बना था कानून।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने वर्ष 2016 में बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून को पूर्ण रूप से लागू कर दिया था। पांच और विपक्ष के सभी दलों ने शराब बंदी कानून को समर्थन किया। लेकिन कुछ समय बीतने के बाद विपक्षी दलों द्वारा शराबबंदी कानून वापस लेने या उसमें छूट देने की मांग करने लगे।
अभी चल रहे (Bihar Liquor Ban)शराबबंदी कानून के अनुसार, बाइक चला रहे किसी व्यक्ति के पास यदि शराब बरामद होती है तो ऐसे ही स्थिति में बाइक को जप्त कर ली जाती है। हाई कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए कहा कि यह किसी भी हाल में सही नहीं है। यदि बाइक पर पीछे बैठा व्यक्ति अपने साथ शराब छुपा कर ला रहा है और वह वहां का भी मालिक नहीं है तो ऐसी स्थिति में मोटरसाइकिल को जब्त करना सही नहीं है।
इस आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया कि वहां का चालक यदि उसे वहां का मालिक नहीं है तो इस स्थिति में भी अगर किसी दूसरे का बाइक पर बाग में शराब रखकर ले जाता पकड़ा गया तो ऐसी स्थिति में मोटरसाइकिल जप्त करना सही नहीं होगा।
न्यायमूर्ति पी भजन और न्यायमूर्ति जितेंद्र कुमार की खंडपीठ ने या फैसला रखा है। एक मामले में रिट याचिका दायर की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने गोपालगंज के डीएम और कलेक्टर को मोटरसाइकिल मालिक को ₹100000 मुआवजा देने का आदेश दिया है। इसके लिए 10 दिन का समय भी दिया गया। मोटरसाइकिल मालिक सुनैना की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
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Bihar Liquor Ban: शराबबंदी कानून लागू होने के बाद बिहार के विभिन्न थाने और उत्पाद थाने में लाखों भाई के सब रही है ऐसे कई मामले उभर कर आ रहे हैं जहां आरोपी किसी व्यक्ति की कर छीन लेता है और फिर शराब के साथ कर जप्त कर ली जाती है वह केवल बाइक को देता है बल्कि उसे अपने आरोपी भी बन जाता है।
ऐसी घटनाओं को मध्य नजर रखते हुए सरकार ने एक अहम फैसला सुनाई है। वाहन मालिक के साथ शराब पकड़े जाने पर गाड़ी जप्त किया जाने का प्रावधान है। लेकिन यदि वाहन मालिक साथ में नहीं है तो ऐसी स्थिति में गाड़ी जप्त नहीं किया जा सकता है।