परवरिश
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Parvarish Yojana
बाल सहायता योजना
समाज कल्याण निदेशालय बिहार सरकार द्वारा संचालित
गरीब परिवार के बच्चों की परवरिश के लिए सरकार आर्थिक मदद करेगी । गरीब अनाथ बेसहारा असाध्य रोगों से पीड़ित परिवार के बच्चे को पालन पोषण के लिए परवरिश योजना के तहत सरकार प्रति माह अनुदान की राशि ₹1500 प्रति बच्चे उपलब्ध कराई जाएगी।
इस योजना का लाभ 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को मिलेगा जब तक वह 18 वर्ष के नहीं हो जाते हैं तब तक उन्हें यह लाभ दिया जाएगा। समाज कल्याण विभाग ने सभी जिला प्रशासन को आदेश दिया है की बेसहारा बच्चों की परवरिश के लिए आवेदन लिए जा सकता है
क्या है इसकी प्रक्रिया परवरिश योजना क्या है सारी जानकारी आगे हम इस आर्टिकल के माध्यम से सभी के साथ शेयर करने जा रहे हैं। परवरिश योजना के लिए आवेदन ऑफलाइन आंगनबाड़ी के माध्यम से लिया जाना है, आवेदन देने के बाद इसकी स्वीकृति एसडीओ के माध्यम से की जाएगी, Parvarish Yojana की स्वीकृति मिलने के बाद जिला बाल संरक्षण इकाई CDPO द्वारा लाभुकों के खाता में राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
परवरिश योजना का उद्देश्य :-
Parvarish Yojana का उद्देश्य राज्य सरकार द्वारा गरीब, अनाथ, असाध्य रोगों से पीड़ित, माता-पिता में विकलांगता के शिकार के बच्चों की देखरेख बेहतर पालन पोषण एवं संरक्षण के लिए अनुदान भत्ता।
परवरिश योजना का लक्ष्य एवं इसके पात्र कौन होंगे।
वैसे परिवार जो आर्थिक रूप से कमजोर हो जिनका नाम बीपीएल सूची में हो अथवा उन की वार्षिक आय ₹80000 से कम हो। एड्स एवं कुष्ठ रोग से पीड़ित परिवार की आय की गणना नहीं की जाएगी। ऐसे बच्चों को समाज में पालन पोषण के लिए और उनके देख रेप करने के लिए अनुदान भत्ता प्रदान की जाएगी।
- अनाथ एवं बेसहारा बच्चों।
- अनाथ बच्चे जो अपने रिश्तेदार के साथ रह रहे हो।
- एड्स कुष्ठ रोग से पीड़ित बच्चे।
- एड्स एवं कुष्ठ रोग ( ग्रेड II) से पीड़ित माता-पिता की संताने।
परवरिश योजना के लिए पात्रता।
Parvarish Yojana का लाभ 18 वर्ष से कम बच्चों के उम्र को ही दिया जाएगा।
पालन पोषण करने वाला अथवा माता-पिता गरीबी रेखा के नीचे बीपीएल परिवार मैं आता हूं या उनकी वार्षिक आय 60000 से कम हो, एड्स एवं कुष्ठ रोग के मामलों में गरीबी रेखा के अधीन अथवा वार्षिक आय ₹7000 की अनिवार्यता नहीं होगी।
परवरिश योजना में अनुदान की राशि कितनी मिलेगी।
Parvarish Yojana के तहत चयनित बच्चों के पालन पोषण के लिए अनुदान की राशि इस प्रकार होगी।
- 0 से 6 वर्ष की उम्र के बच्चों के लिए ₹900 प्रति माह।
- 6 वर्ष से 18 वर्ष के उम्र के बच्चों के लिए ₹1500 प्रति माह।
- परवरिश योजना का लाभ प्रति महीना बच्चा तथा उनके रिश्तेदार जो उन का भरण पोषण कर रहे हैं दोनों के नाम से जॉइंट खाता होना चाहिए उसी खाता में अनुदान की राशि हस्तांतरित किया जाएगा।
परवरिश योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदक।
अनाथ एवं बेसहारा बच्चे अथवा अनाथ बच्चे की स्थिति में बच्चे के परिवार का मुख्य व्यक्ति जो बच्चों का पालन पोषण करता हो।
एचआईवी पॉजिटिव एड्स/ कुष्ठ रोग से पीड़ित बच्चे एवं पोस्ट कुष्ट एचआईवी एड्स से पीड़ित माता या पिता।
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परवरिश योजना में लाभुकों की चयन प्रक्रिया।
Parvarish Yojana का लाभ लेने के लिए आवेदन अपने नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र/ समेकित बाल विकास परियोजना के कार्यालय/जिला बाल संरक्षण इकाई कार्यालय से निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा।
आवेदक आवेदन फॉर्म को अच्छी तरह से बाहर कर उसके साथ आवश्यक डॉक्यूमेंट लगाकर अपने क्षेत्र के आंगनबाड़ी सहायिका को जमा करेंगे।
एड्स रोग से पीड़ित बच्चे या एड्स रोग से पीड़ित माता-पिता आवेदन को अच्छे तरीके से भर कर आवश्यक डॉक्यूमेंट लगाकर समेकित बाल विकास परियोजना कार्यालय में जमा करेंगे। इसकी जांच बाल विकास परियोजना के पदाधिकारी करेंगे इस योजना में आंगनबाड़ी सेविका का कोई रोल नहीं है। फॉर्म जमा करने के बाद आवेदन पत्र की प्राप्ति रसीद आंगनवाड़ी सेविका/ बाल विकास परियोजना कार्यालय से प्राप्त करेंगे।
आंगनबाड़ी सेविका द्वारा आवेदन देने के 15 दिन के अंदर जांच कर प्राप्त आवेदन में अंकित सूचना
- मेरी जानकारी के अनुसार सही पाया गया हां या ना
- आवेदक परवरिश योजना का लाभ पाने की योग है या नहीं
इसकी रिपोर्ट बाल विकास परियोजना कार्यालय में जमा करेगी। आंगनबाड़ी सेविकाओं को इस काम करने के लिए प्रोत्साहन के रूप में ₹50 प्रति लाभुक की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
बाल विकास परियोजना पदाधिकारी आवेदन पत्र 1 सप्ताह के अंदर अनुमंडल पदाधिकारी को स्वीकृत प्राप्ति हेतु भेेजेंगे । अनुमंडल पदाधिकारी स्वीकृति आदेश प्रपत्र दो आवेदन पत्र सहित अग्रसेन सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई को भेजेंगे।
परवरिश योजना में भुगतान की प्रक्रिया।
अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा स्वीकृति आदेश के आलोक में सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई समिति संबंधित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी से लाभुकों के खाता संख्या विवरण प्राप्त कर लाभार्थी के संयुक्त खाते(बच्चे अथवा उनकी परवरिश करने वाले परिवार के साथ जॉइंट खाता) में राशि का अंतरण सुनिश्चित करेंगे..।
परवरिश योजना का कार्य बयान एवं अनुश्रवण
राज्य स्तर पर इस योजना का परिचालन एवं नियंत्रण निर्देशक समाज कल्याण उपाध्यक्ष राज्य बाल संरक्षण समिति बिहार पटना जिला स्तर पर योजना के कार्यान्वयन सरवन का उत्तरदायित्व जिला अधिकारी के नियंत्रण में जिला बाल संरक्षण इकाई का होगा। समाज कल्याण विभाग द्वारा इस योजना के अंतर्गत स्वीकृति राशि बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से राज्य बाल संरक्षण समिति को सहायक अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी।
स्वीकृति राशि की 1% राशि प्रशासनिक मत्स्य की जाएगी। परियोजना निदेशक राज्य बाल संरक्षण समिति आवश्यकता अनुसार जिला बाल संरक्षण समिति को राशि उपलब्ध कराएंगे। सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई योजना से संबंधित मासिक त्रैमासिक का विवरण एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र समय समाज कल्याण योजना अंतर्गत राज्य बाल संरक्षण समिति को भेजने की कार्यवाही करेंगे।
परिपत्र योजना में लाभुकों के अनुदान का नवीनीकरण
Parvarish Yojana का लाभ लाभार्थी को शुरुआती में स्वीकृति के मात्र 12 महीने तक ही दिया जाएगा इस योजना का नवीनीकरण की सूचना आदेश पत्र प्रपत्र 3 के द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी को इसकी सूचना प्रदान की जाएगी इस संबंध में सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा संबंधित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी से लाभार्थी बच्चे के संबंध में निम्न दस्तावेज या प्रमाण पत्र प्राप्त करेंगे।
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Parvarish Yojana के तहत लाभुकों के पालनहार या माता-पिता द्वारा स्वघोषणा पत्र के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लाभुक का पालन पोषण उचित रीति से किया जा रहा है।
जीरो से 6 वर्ष के उम्र के बच्चों के संबंध में नियमित टीकाकरण कराया जाने संबंधी प्रमाण पत्र एवं आंगनबाड़ी केंद्र द्वारा जारी प्रमाण पत्र जमा करना होगा।
6 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के संबंध में नियमित विद्यालय भेजने संबंधी प्रमाण पत्र। उपरोक्त प्रमाण पत्र के साथ बाल विकास परियोजना पदाधिकारी अनुदान नवीन करण की अनुशंसा सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई समिति को करेंगे प्राप्त अनुशंसा के आलोक में सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई समिति द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी से विहित प्रपत्र में नवीनीकरण हेतु स्वीकृत प्राप्त करेंगे।
सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई समिति नवीनीकरण से संबंधित कार्यवाही पूर्ण स्वीकृत निर्गत होने के 10 माह से प्रारंभ कर देंगे ताकि लाभुक को अनुदान की राशि मिलने में अनावश्यक विलंब ना हो इसके अतिरिक्त सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई समिति लाभुकों की जन्मतिथि की समीक्षा कार्य सुनिश्चित करें कि लाभुकों की उम्र 6 वर्ष पूर्ण होने पर लाभुकों की परिवर्तन अनुदान की राशि प्रतिमाह 900 से बढ़ाकर ₹1000 कर दी जाएगी यह राशि 18 वर्ष पूर्ण होने तक लाभुकों को अनुदान राशि दी जाएगी।
आवेदन पत्र के साथ सन में किए जाने वाले आवश्यक डॉक्यूमेंट।
- बीपीएल की प्रकाशित सूची की छाया प्रति।
- बीपीएल सूची में नाम नहीं होने पर आय प्रमाण पत्र की छाया प्रति।
- यदि एड्स एवं कुष्ठ रोग से पीड़ित है तो यह लागू नहीं होगा☝🏻
- अनाथ बच्चे के लिए माता-पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र (यदि मृत्यु प्रमाण पत्र उपलब्ध ना हो तो अपने पंचायत के मुखिया एवं शहरी क्षेत्र के लिए संबंधित वार्ड पार्षद द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र मान्य होगा)
- जीरो से 6 वर्ष के उम्र के लाभार्थी की स्थिति में बच्चों का नियमित टीकाकरण एवं आंगनबाड़ी केंद्र द्वारा जारी नामांकन प्रमाण पत्र तथा 6 वर्ष से अधिक उम्र के लाभार्थी की स्थिति में बच्चों का विद्यालय द्वारा जारी अध्ययन प्रमाण पत्र।
नोट:- प्रथम स्वीकृति में यह प्रमाण पत्र लागू नहीं होगा 1 वर्ष पूर्ण होने के पश्चात नवीनीकरण के लिए यह प्रमाण पत्र मांगा जाएगा। - लाभुक बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र। यदि बच्चा पहले से किसी विद्यालय में नामांकित है तो उस विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र।
- कुष्ठ रोग से पीड़ित माता-पिता की स्थिति में हॉस्पिटल से निर्गत ग्रेड II का प्रमाण पत्र मान्य होगा।
- यदि पहले से किसी राष्ट्रीय कृत बैंक में जॉइंट खाता है बच्चे के साथ तो पासबुक की छायाप्रति जमा करें। नहीं रहने की स्थिति में नया जॉइंट खाता बच्चों के साथ और परवरिश करने वाले के साथ होना चाहिए।
बिहार सेवा यूट्यूब चैनल और वेब पोर्टल www.onlinebihar.in एक गैर सरकारी मिशन का नाम है. सरकार से इस पोर्टल या चैनल का कोई सम्बंध नहीं है. हमारा प्रयास है कि हम सरकारी योजनाओं की जानकारी ज़न ज़न तक पहुंचाये और आज के डिजिटल युग मे लोगों को तकनीकी ज्ञान निशुल्क प्रदान कर एक प्रगतिशील और समुन्नत समाज की रचना मे अपना युगधर्म निभाए. मैं रंजन, बिहार के औरंगाबाद से हूं. मैंने 1 जनवरी 2018 को यूट्यूब बिहार सेवा के माध्यम से मिशन निशुल्क तकनीकी ज्ञान और मिशन जागरूकता अभियान की शुरुआत की थी. एक सीधा सादा ग्रामीण युवक सामाजिक सरोकार की अहमियत को दिल मे आत्मसात कर निकल पड़ा था सेवा के मार्ग पर, चाहत थी, कल्पनायें थी-“समाज हित ,प्रदेश हित, देश हित, जगत हित मे व्यापक स्तर पर कुछ करने की” पर सीमित संसाधनों के कारण शुरुआत प्रदेश स्तर से की.. मुरझाए चेहरों पर मुस्कान लाने का मिशन शुरू किया.तकनीकी ज्ञान से लोगों को जोड़ा, सूचनाओं की पहुंच गाँव गाँव ले जाने का भरपूर प्रयास किया. इन बर्षों की यात्रा मे आप सब से मिले स्नेह और प्रोत्साहन के मै दिल से अभारी हुँ।